संविदा कर्मियों के होंगे तबादले,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जारी की नीति

मध्य प्रदेश में अलग-अलग विभागों में काम कर रहे संविदा कर्मियों के तबादले का रास्ता साफ हो गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने संविदाकर्मियों के स्थान परिवर्तन की नीति जारी कर दी है। इस नीति के प्रविधानों के अधीन उन्हे इधर से उधर किया जा सकेगा। हांलाकि जैसी नीति है उसके अनुसार बड़े स्तर पर बदलाव नहीं हो पाएंगे। पहली बड़ी शर्त यह लगाई गई है कि जिला या अंतजिला स्थानांतरण में संबंधित पद की कुल संख्या में से 10 प्रतिशत को ही इधर से उधर किया जा सकेगा। दूसरी बड़ी शर्त यह है कि एक बार स्थान परिवर्तन होने के बाद पांच वर्ष तक वह कर्मचारी परिवर्तन के लिए पात्र नहीं होगा। गौरतलब है कि अधिकतर कर्मचारी पंचायतों में काम करने वाले संविदा कर्मी हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों में संविदाकर्मियों को रखा गया है। नीति में यह भी साफ किया गया है कि संविदाकर्मियों को पदस्थापना स्थल को संशोधित करने की कोई नीति नहीं है,सिर्फ अपवाद स्वरुप ही स्थान परिवर्तन किया जा सकेगा। नए नियम के अनुसार विवाहित,विधवा एवं तलाकशुदा महिला कर्मचारियों का ऐसे जिले में स्थानांतरण किया जा सकेगा जिसमें उसका ससुराल या संवयम का परिवार रहता हो। स्वयंम अथवा आश्रितों को कैंसर या ब्रेन ट्यूमर होने पर और समान पद पर कार्यरत संविदाकर्मियों के परस्पर स्थान परिवर्तन के स्वैच्छिक आवेदन पर स्थानांतरण किया जाएगा। वहीं एक जिले से अन्य जिले जाने के लिए आवेदन योजना के राज्य कार्यक्रम अधिकारी को किया जाएगा।
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