'एमपी को छोड़ो' चलो बिहार में राजनीति करेंगे,भाजपा के अधिकतर नेताओं की लगी चुनाव में ड्यूटी

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने मप्र भाजपा के कई कुशल नेताओं को बिहार चुनाव में बूथ मैनेजमेंट से लेकर चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंप दिया है। प्रदेश प्रभारी महेन्द्र सिंह,संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा करीब महीने भर से बिहार में डेरा जमा चुके हैं। उनके बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी बिहार चुनाव में भेज दिया गया। अब बड़े रणनीतिकार और चाणक्य कहलाने वाले पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भी बिहार चुनाव में प्रचार की कमान सौंप दी गई है। इनके अलावा मंत्री विश्वास सारंग को भी बिहार चुनाव में प्रमुख जिम्मेदारी दी गई है। इन नेताओं के अलावा सैकड़ों की संख्या में ऐसे पदाधिकारियों का जत्था भी बिहार भेजा गया है जो पर्दे के पीछे रह कर हमेशा भाजपा को मजबूत करने और भाजपा की रणनीति को धरातल में उतारने का काम करते हैं। मतलब साफ है कि इस दिवाली में बीजेपी के नेता एमपी के बजाय बिहार में सत्ता का दीपक जलाते नजर आएंगे। भाजपा का प्रदेश कार्यालय अभी से सूना पड़ने लगा है। बड़े नेताओं की आवक-जावक कम हो चुकी है क्योंकि इस समय बिहार चलो अभियान के तहत हर छोटे बड़े नेताओं को वहीं भेज दिया गया है। अगले एक हफ्ते के अंदर करीब 200 नेता और बिहार जाने वाले हैं सभी अपने जाने की व्यवस्था में लगे हैं। ट्रेन का सफर 24 घंटे का होने के कारण अधिकतर नेता पहले दिल्ली फिर पटना के लिए उड़ान भर रहे हैं। क्योंकि भोपाल से पटना के लिए सीधे कोई कनेक्टिविटी नहीं है। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सबसे ज्यादा यूपी और फिर उसके बाद एमपी के नेताओं की ड्यूटी लगाई है। क्योंकि इन राज्यों की बोली और भाषा में ज्यादा अंतर नहीं है। वहीं बिहार में जातियों का काफी प्रभाव देखने को मिलता है इसलिए भाजपा ने एमपी से जातियों के आधार पर ही नेताओं और कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की है। पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को कट्टर ब्राह्मण वादी नेता कहा जाता है। और उनकी ब्राह्मणों के बीच लोकप्रियता की स्वीकार्यता को देखते हुए बिहार के चुनाव में ड्यूटी लगाई गई। वो एक कुशल रणनीतिकार नेता माने जाते हैं। इससे पहले भाजपा ने उन्हे पश्चिम बंगाल,उत्तर प्रदेश,दिल्ली और फिर महाराष्ट्र के चुनाव में प्रचार करने के लिए भेजा था जहां पार्टी के पक्ष में 90 फीसदी से अधिक नतीजे देखने को मिले यही कारण है कि भाजपा उनको हर जगह चुनाव प्रचार करने के लिए भेजती है। इसी प्रकार भाजपा के अन्य उन्ही नेताओं को बिहार भेजा जा रहा है जो अपने वर्ग में और संगठन की कुसल रणनीति में दक्ष हों। मतलब साफ है कि बिहार के दंगल में अब एमपी बीजेपी के नेता राजनीति के दांव पेंच लड़ाते नजर आएंगे।
What's Your Reaction?






