'अन कंट्रोल' बीजेपी में डैमेज की कोशिश,नहीं बन रही बात,रायता समेटने की कोशिश में और बिखरा

Apr 29, 2025 - 09:46
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'अन कंट्रोल' बीजेपी में डैमेज की कोशिश,नहीं बन रही बात,रायता समेटने की कोशिश में और बिखरा

कैडर का तमगा लेकर चलने वाली बीजेपी का अब पूरी तरह से कांग्रेसी करण हो चुका है। जिस प्रकार कांग्रेस के नेता कुछ भी बयान देते हैं और कहीं भी आपस में लड़ने झगड़ने लगते हैं ठीक वही परंपरा अब बीजेपी में चल रही है। जिस बीजेपी में कोई भी बयान देने के लिए पहले सोच विचार होता है उसके बाद ही बयान दिया जाता था उसी बीजेपी में अब हर नेता अपनी-अपनी भाजपा चला रहा है। कई नेता तो यहां तक समझने लगे हैं कि बीजेपी उन्ही के बल पर चल रही है। बुंदेलखंड में भूपेन्द्र सिंह और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत इसके सबसे बड़े सबूत हैं। जिनकी दुष्मनी अब किसी से छिपी नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि इन दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने की कोशिश नहीं हुई लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। कमजोर नेताओं पर तो बीजेपी का प्रबंधन तत्काल कार्रवाई करता है जैसे सतना के पूर्व जिला अध्यक्ष के खिलाफ निष्काशन के साथ हुई उस प्रकार की कार्रवाई करने की हिम्मद भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ पार्टी प्रबंधन नहीं कर पाया। उल्टे उन्हे पुरस्कृत करने की तेयारी है। पता चला है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भूपेन्द्र सिंह को दिल्ली में केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात कराने के लिए पहुंचे थे जहां उनके प्रदेश अध्यक्ष के लिए रास्ता तैयार किया जा सके। वहीं ग्वालियर-चंबल के राजनीति की बात करें तो विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई किसी से छुपी नहीं है। इसकी बानगी विधानसभा के उप चुनाव में भी देखने को मिली उसके बाद भी भाजपा का प्रबंधन खामोस मूकबधिर बन कर बैठा रहा। उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला चल रहा है जो कमजोर हैं खास कर सामान्य वर्ग के नेता हैं। विंध्य क्षेत्र में बीजेपी के सारे नेता इधर से उधर हो रहे हैं। सभी नेता अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं क्योंकि ज्यादातर नेता ऐसे हैं जो तीन से चार बार विधायक बन चुके हैं लेकिन उन्हे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। सिद्धार्त तिवारी और मनगवां विधायक के बीच लड़ाई,गिरीश गौतम और मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल के बीच लड़ाई,राजेन्द्र शुक्ला और रीती पाठक के बीच लड़ाई पूरे शबाब पर है। सभी विधायक हैं इसलिए बीजेपी का प्रबंधन इन किसी भी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं है। भाजपा सिर्फ उन्ही नेताओं पर कार्रवाई का रौब झाड़ रही है जिनके पास कोई बड़ा पद नहीं है अथवा कमजोर हैं।

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