‘होर्डिंग-बैनर’ पर दूसरे दिन भी सख्त हुए बीजेपी अध्यक्ष खंडेलवाल,कहा होर्डिंग बैनर न लगाएं काम करके दिखाएं

भाजपा हो अथवा कांग्रेस दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच अपने नेता की होर्डिंग लगाने का चलन है। कार्यकर्ता होर्डिंग लगा कर ही नेता के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हैं। कार्यकर्ताओं को लगता है कि उन्होने नेता की होर्डिंग लगाई है तो वो नेता उन्हे अपना समझने लगेगा और आने वाले समय में पार्टी में पद और प्रतिष्ठा दोनों ही मिलेगा। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल कुछ अलग खयाल वाले नेता हैं। अध्यक्ष बनने के बाद अब उन्होने मोर्चों की बैठकों दौर शुरु किया है। सबसे पहले उन्होने भाजपा युवा मोर्चा की बैठक बुलाई जिसमें उन्होने सबसे पहले यही कहा कि होर्डिंग बैनर नहीं काम करके दिखाओ आपको पार्टी काम के आधार पर ही संगठन में स्थान देगी। उसके बाज अनुसूचित जनजाति मोर्चे की बैठक में भी प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने इस बात को दोहराते हुए कहा कि आप होर्डिंग बैनर लगाने के बजाय काम पर ध्यान दीजिए काम के आधार पर ही आपको संगठन में स्थान दिया जाएगा। मतलब साफ है कि अब दिखावे की राजनीति के बजाय भाजपा के कार्यकर्ताओं को काम करके दिखाना होगा। हांलाकि इससे पहले भी इस प्रकार के बयान भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा दिए गए थे जिसका पालन पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने किया लेकिन सभी ने उन बयानों को दरकिनार कर दिया। इस बात में कोई सक नहीं कि हेमंत खंडेलवाल कुछ अलग टाइप के नेता हैं इन्हे दिखावे की राजनीति पसंद नहीं है। जमीन से जुड़ कर जनता के बीच जाकर पार्टी का काम करने में विश्वास रखते हैं। यही कारण है कि उन्होने बैठकों में साफ कहा कि होर्डिंग बैनर नहीं पार्टी और सरकार के कामों को जनता तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचाने का प्रयास कीजिए वही आपके भविष्य का निर्णय करेगा कि आपको संगठन में स्थान मिलेगा य नहीं।
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