बीजेपी का नया पावर सेंटर,कौन होगा मुखिया सीएम से पावरफुल होगा या फिर काम चलाऊ,पढ़िए Mukhbir

भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कवायद तेज हो गई है। खबरों के मुताबिक अध्यक्ष पद के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एक जुलाई को भोपाल आने वाले हैं। Mukhbir को मिली सूचना के अनुसार धर्मेन्द्र प्रधान एक जुलाई को अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के नेताओं से रायशुमारी करेंगे। दो जुलाई को वो अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे और उम्मीद है कि तीन जुलाई को मप्र भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। उसके पहले भाजपा के रणनीति पर बात करें तो केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश में एक और नया पावर सेंटर स्थापित करने की योजना में है। मतलब साफ है कि नए पावर सेंटर के लिए केन्द्रीय नेतृत्व को एक मजबूत अध्यक्ष की आवश्यकता है। लेकिन जिस प्रकार के नामों की चर्चा चल रही है उनमें एक भी ऐसा नाम नजर नहीं आता जो नया पावर सेंटर बन सके। दरअसल एमपी बीजेपी जिस दौर से गुजर रही जिस प्रकार से पार्टी का अनुशासन आए दिन तार-तार हो रहा है उन परिस्थितियों को देखते हुए पार्टी को एक मजबूत नेता की दरकार है। लेकिन भाजपा यहां पर जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश में है। वर्तमान स्थितियों को देखें तो उनमें हेमंत खंडेलवाल,अरविंद भदौरिया,भग्गन सिंह कुलस्ते,सुमेर सिंह सोलंकी,आलोक शर्मा,रामेश्वर शर्मा,भगवानदास सबनानी,लता वानखेड़े सहित अन्य कई नाम दावेदारों में शामिल बताए जा रहे हैं। इन नेताओं के अलावा भी कुछ नेता प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं जो अदृश्य तरीके से अपनी फील्डिंग जमाने में लगे हैं। अब सवाल ये उठता है कि भाजपा कुछ समय के लिए काम चलाऊ अध्यक्ष बनाएगी या फिर कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान और भाजपा के अंदर चल रहे गृह युद्ध को देखते हुए एक मजबूत नेता को अध्यक्ष बनाएगी ये अपने आप में बड़ा सवाल है। Mukhbir की मानें तो भाजपा मजबूत नेतृत्व लेकर आने वाली है जो सियासी खेल का मंझा हुआ खिलाड़ी हो। आपरेशन लोटस जैसे काम को जिसने सफलता पूर्वक अंजाम दिया हो इस प्रकार के नेता को भाजपा आगे लाने की तैयारी में है। भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व चाहता है कि पार्टी का जो अगला खेवनहार बने वो संकटमोचक की भूमिका निभाए क्योंकि अभी जो अध्यक्ष बनेगा उसी के कंधे पर मिशन 2028 के चुनाव की भी जिम्मेदारी होगी।
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