राष्ट्रीय अध्यक्ष से 'गप्पें' मारने तो नहीं गए होंगे सीएम मोहन यादव,मुलाकात हुई है तो बात कार्यकारिणी और 'निगम-मंडल' की जरुर हुई होगी

Sep 25, 2025 - 08:12
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राष्ट्रीय अध्यक्ष से 'गप्पें' मारने तो नहीं गए होंगे सीएम मोहन यादव,मुलाकात हुई है तो बात कार्यकारिणी और 'निगम-मंडल' की जरुर हुई होगी

मप्र भाजपा कार्यकारिणी और निगम-मंडलों की नियुक्ति में ऐसे उलझ गई है जैसे गुरु द्रोड़ के चक्रव्यूह में अभिमन्यु। दरअसल हर खाली नेता पद पाने की उम्मीद पर बैठा है। भाजपा इतना बड़ा दल हो चुका है कि हर अंचल से भाजपा के पास बड़े नेता हैं। लिहाजा भाजपा किसी को नजरअंदाज न करके उन्हे कोई न कोई जिम्मेदारी देना चाहती है। ऊपर से सरकार में दमखम रखने वाले मंत्री संगठन में भी अपनी भागी दारी चाहते हैं। जिसके फलस्वरुप वो अपने किसी न किसी समर्थक को कार्यकारिणी में शामिल कर अपना एक स्लीपर सेल रखना चाहते हैं कि संगठन में क्या चल रहा है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और सीएम मोहन यादव ने कार्यकारिणी की लिष्ट तैयार कर ली है ठीक उसी प्रकार निगम-मंडलों की सूची भी सरकार ने तैयार कर रखी है। प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल कार्यकारिणी के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं तो दूसरी तरफ सीएम यादव निगम-मंडलों की नियुक्ति के लिए दिल्ली दरवार में लगातार हाजिरी लगा रहे हैं। सीएम यादव ने पिछले दो दिन से लगातार दिल्ली का रुख कर रखा है। एमपी में काफी व्यस्तताओं के बीच भी वो लगातार दिल्ली पहुंच रहे हैं और वहां पर प्रभावशाली नेताओं से मुलाकात कर निगम-मंडल की सूची को अंतिम रुप देने की कोशिश कर रहे हैं। मंगलवार को सीएम यादव ने शिवराज सिंह चौहान से दिल्ली में मुलाकात करने के साथ कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात की अब बुधवार को सीएम फिर दिल्ली पहहुंचे जहां उन्होने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। हांलाकि मुलाकातों को सौजन्य भेंट कहा जा रहा है। लेकिन यह सत्य है कि बड़े नेता इतने फ्री नहीं बैठे हैं कि गप्पें मारने के लिए वो मुलाकात कर रहे हैं। जब बड़े नेताओं की मुलाकात होती है तो उसमें सत्ता और संगठन की बात होना कोई बड़ी बात नहीं है। और इस वक्त जब प्रदेश कार्यकारिणी और निगम-मंडलों की सूची को अंतिम रुप देने की बात चल रही है तो यह मुलाकातें सामान्य नहीं हो सकती हैं। जिस प्रकार से सीएम यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की है उसका मतलब साफ है कि अब जल्द ही भाजपा अपने आखिरी फैसले लेने वाली है। कुछ जिलों की कार्यकारिणी में भी बड़े नेता रोड़ा बने हुए हैं उसकी जानकारी भी देना जरुरी है लिहाजा यह मुलाकात आम न होकर खास है। जिससे मप्र भाजपा का भविष्य तय होने वाला है। Mukhbir को मिली सूचना के अनुसार भाजपा नवरात्रि से दीपावली के बीच प्रदेश कार्यकारिणी और फिर उसके तुरंत बाद निगम-मंडलों की सूची जारी करने की कोशिश में है इसी लिए लगातार दिल्ली में बैठकें कर आपसी सामंजस्य बैठाने पर जोर दिया जा रहा है।

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