भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी दशहरे के दिन हो सकती है जारी,दो दिन की चली सरगर्मी और फिर ‘सन्नाटा’ दे रहा संकेत

मप्र भाजपा में दो दिन तक लगातार उठा पटक चलती रही। जहां एक ओर नदी का घर बैठकों का केन्द्र बिंदु रहा तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली में भी एमपी बीजेपी के नेताओं ने जमकर बैठकें की। बैठक का मक्शद सिर्फ एक था कि कार्यकारिणी निर्विविदा रुप से कैसे तैयार की जाए। हांलाकि प्रदेश अध्यक्ष की मानें तो प्रदेश कार्यकारिणी बन कर तैयार है लेकिन दिल्ली से उसे फायनल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के नेता समय नहीं निकाल पा रहे हैं। लेकिन हकीकत उससे कुछ अलग ही नजर आ रही है। जिस प्रकार एमपी में वरिष्ठ नेताओं के बीच विवाद और अंदर ही अंदर गृह युद्ध मचा हुआ है उसको देखते हुए एमपी बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। नेताओं का एक दूसरे के घर पर बैठना और फिर नदी का घर में जाकर एक वरिष्ठ व्यक्ति के साथ बैठक कर संगठन और सरकार के बीच समन्वय की बात करना कुछ अलग ही लग रहा है। पार्टी में नाराज नेताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ पुनर्वास का इंतजार करते नेताओं का इंतजार भी खिंचता जा रहा है। इन्ही सब बातों को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और सीएम मोहन यादव ने पिछले-दो तीन दिन में जमकर कोशिश की कि सबकुछ ठीक हो जाए। सीएम दिल्ली में बैठक करते रहे तो अध्यक्ष नदी का घर में बैठक करते रहे। मुखविर को मिली सूचना के अनुसार प्रदेश कार्यकारिणी तैयार हो चुकी है और दिल्ली से भी हरी झंडी मिल चुकी है। दशहरे के दिन जब रावण जल रहा होगा उस वक्त प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा हो जाए तो कोई बहुत बड़ी बात नहीं होगी। क्योंकि जिस प्रकार से दो दिन तक बीजेपी में राजनीतिक सरगर्मी देखने को मिली और फिर उसके बाद अचानक सन्नाटा छा गया उसका मतलब तो यही निकलता है कि कार्यकारिणी में अंतिम मुहर लग चुकी है इंतजार सिर्फ सूची के जारी करने का है जब सियासी शोर-शराबा खत्म हो जाए औऱ रावण दहन की प्रक्रिया चल रही हो तभी सूची जारी कर एक नया धमाका कर दिया जाए।
What's Your Reaction?






