लाख कोशिशों के बाद भी भाजपा एसटी और एससी वर्ग के बीच नहीं बना पाई पैठ,अब एक बार फिर चलेगा अभियान

मध्य प्रदेश भाजपा एससी और एसटी वर्ग को अपने पक्ष में करने के लिए हजारों प्रकार के दांव अपना चुकी है उसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में अपेक्षित परिणाम नहीं आ पाए हैं। पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में एससी और एसटी वर्ग ने भारतीय जनता पार्टी का अपेक्षानुसार साथ नहीं दिया है। जबकि भाजपा ने अपनी ओर से सोशल इंजीनियरिंग का जमकर प्रयास किया। इन वर्गों के लिए सरकार से लेकर संगठन की ओर से कई प्रकार के अभियान चलाए गए लेकिन नतीजा शिफर ही रहा है। इसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने हार नहीं माना है और मिशन 2028 की तैयारियों में जुटते हुए भाजपा एसटी मोर्चे ने एक बड़ा अभियान चलाने का ऐलान कर दिया है। हाल ही में भाजपा के नव निर्वाचित अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में एसटी मोर्चे की बैठक बुलाई गई थी जिसमें कमजोर सीटों पर मजबूत दस्तक देने पर जोर दिया गया था। अध्यक्ष से मीटिंग करने के बाद अब एसटी मोर्चे ने बड़ी कार्ययोजना तैयार करते हुए प्रदेश भर में अभियान चलाने की घोषणा कर दी है। साल 2023 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो प्रदेश भर में एसटी वर्ग के लिए आरक्षित कुल 47 सीटों में भाजपा के कब्जे में सिर्फ 24 सीटें आई थी और कांग्रेस ने 23 सीटें जीतने में कामयावी हासिल की थी। भाजपा कांग्रेस से सिर्फ एक सीट ज्यादा जीत पाई थी। वहीं एससी वर्ग की बात करें तो कुल 35 सीटों में भाजपा ने 26 जीती यहां पर भाजपा के पक्ष में ठीक परिणाम रहे,कांग्रेस ने 09 सीट जीतने में कामयावी हासिल की थी। अब साल 2023 से सीख लेते हुए भाजपा एसटी मोर्चे ने प्रदेश की एसटी बाहुल सीटों में अभी से अभियान चलाने का फैसला लिया है और जितने भी महानायक हैं उनके जयंती पर बड़े कार्यक्रमों के साथ भाजपा घर-घर संपर्क अभियान भी चलाएगी।
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