एससी और एसटी के बूथों में चाय पर चर्चा करेंगे सांसद-विधायक,बूथों में फिर सक्रिय होगी भाजपा

भारतीय जनता पार्टी एक चुनाव के बाद दूसरे चुनाव की तैयारियों में तुरंत जुट जाती है और यही उसकी लगातार जीत का मंत्र भी है। करीब तीन साल पहले से ही विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा अब एससी और एसटी के प्रभाव वाले बूथों पर सक्रियता बढ़ाने जा रही है। खास कर उन क्षेत्रों में जहां पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इन बूथों पर कार्यकर्ताओं के साथ विधायक और सासंद हर महीने में एक बार चाय पर चर्चा करेंगे। बूथ पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा। दरअसल 2028 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर भाजपा बूथ सशक्तिकरण पर जोर दे रही है। पचमढ़ी में हुए तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश में पार्टी के सांसदों और विधायकों को प्रशिक्षण दिया था। प्रशिक्षण शिविर में कमजोर सीटों पर पार्टी का जनाधार बढ़ाकर आगामी चुनाव में जीत का मंत्र दिया। अब उसी मंत्र को आत्मसात करते हुए सांसद और विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में बूथ प्रबंधन का कार्य करेंगे। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में एससी-एसटी प्रभाव वाली सीटों पर भाजपा का पैतृक वोट नहीं रहने के कारण यहां पार्टी का जधाधार कमजोर है और यही वजह है कि इन सीटों पर भाजपा अपनी पैठ और मजबूत करना चाहती है। भाजपा की तरफ से एससी,एसटी और ओबीसी प्रभाव वाली सीटों को तीन ग्रुपों में बांटा गया था। एससी प्रभाव वाली 71 विधानसभाएं,एसटी प्रभाव वाली 56 विधानसभाएं और 74 अन्य विधानसभाओं के तीसते समानांतर सत्र किए गए थे। इस दौरान सांसद विधायकों को समझाइश दी गई कि वो अपना लोक व्यवहार जनता के बीच में ऐसा रखें कि जनता के बीच किसी तरह का नकारात्मक संदेश न जाने पाए।
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