भाजपा कार्यकर्ताओं की नहीं सुन रहे मंत्री,कार्यकर्ताओं के तबादलों की लिष्ट को डस्टबिन में डाल देते हैं मंत्री

मध्य प्रदेश में पिछले एक महीने से तबादले पर बैन हटा है। इस बीच मंत्री तो जमकर तबादले कर रहे हैं लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है। दरअसल दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा के पास कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज है और सत्ता धारी पार्टी होने के कारण उनके पास समर्थकों के तबादलों की लिष्ट भी लगातार आती है जिसको कराना उन्ही का कर्तव्य बनता है। ऐसी स्थिति में हर मंत्री के निवास पर भाजपा के कार्यकर्ता सुबह होते ही तबादलों की लिष्ट लेकर पहुंच जाते हैं। जब कार्यकर्ता लिष्ट लेकर पहुंचते हैं तो पहले ही माननीय मंत्री जी मुंह चेढ़ा करके उनसे बात करते हैं और फिर बेमन उनसे सूची ले लेते हैं जैसे ही पार्टी का कार्यकर्ता उनके कैबिन से निकलता है उसको वो डस्टविन में डाल देते हैं। अब ऐसी स्थिति में पार्टी के कार्यकर्ता अपने कार्यकर्ताओं को क्या मुंह दिखाएं ये भी उनके पास बड़ा सवाल है। इसकी शिकायत कार्यकर्ता लगातार प्रदेश नेतृत्व के पास भी कर रहे हैं लेकिन संतोष जनक जवाब उन्हे वहां से भी नहीं मिल रहा है क्योंकि इस वक्त संगठन का प्रदेश नेतृत्व भी कुछ ज्यादा कर पाने की स्थिति में नहीं है लिहाजा तबादलों का निकलता समय पार्टी के कार्यकर्ताओं पर भाड़ी पड़ता जा रहा है। क्योंकि जैसे ही तबादलों की डेड लाइन खत्म हो जाएगी तो मंत्री ये कह कर मना कर देंगे कि अब तबादलों पर बैन लग चुका है लिहाजा सारे कार्यकर्ता चाहते हैं कि उनके चाहने वालों के तबादले हो जाएं जिससे उनका विश्वास कार्यकर्ताओं के बीच बना रहे नहीं तो चुनाव के समय वो कौन सा मुंह लेकर जनता के बीच जाएंगे।
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