तबादलों की फिर बढ़ी तारीख लेकिन पदोन्नति को लेकर अब भी संशय में सरकार,लाखों कर्मचारी हो चुके रिटायर

मध्य प्रदेश में पिछले एक महीने से तबादलों का सीजन चल रहा है। तबादले भी जमकर हो रहे हैं लेकिन उन्ही के तबादले हो रहे हैं जिनकी माननीय के पास पहुंच है। जिन कर्मचारियों की माननीयों से पहचान नहीं है वो सिर्फ आवेदन तक ही सीमित हो कर रह गए हैं। दूसरी तरफ पार्टी के कार्यकर्ता भी अपने समर्थकों के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन मंत्री उनकी नहीं सुन रहे हैं। अब Mukhbir को मिली सूचना के अनुसार अगले 17 जून तक तबादलों की तारीख बढ़ा दी गई है। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा लाए गए तबादलों को तबज्जो दी जाएगी। दरअसल पार्टी के कार्यकर्ताओं के पास भी बड़ी संख्या में कर्मचारी तबादले के लिए पहुंच रहे हैं क्योंकि जिन कर्मचारियों की माननीयों तक पहुंच नहीं है तो वो पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के पास तबादले का आवेदन लेकर पहुंच रहे हैं। कर्मचारियों की मांग को देखते हुए कार्यकर्ता और पदाधिकारी लिष्ट लेकर माननीयों के पास पहुंचते थे तो उनके जाने के बाद उस आवेदन को डस्टविन में डाल दिया जाता था। इस मामले की शिकायत प्रदेश नेतृत्व तक पहुंची जिसके बाद मंत्रियों के पास फोन पहुंचे कि कार्यकर्ताओं की तरफ से आए आवेदन को प्राथमिकता के साथ करना है। इन सब बातों पर विचार करते हुए तबादलों की तारीख को बढ़ा दिया गया और कहा गया कि अब भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा लाए गए आवेदन को सबसे पहले प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा। दूसरी तरफ सालों के पदोन्नति के इंतजार में बैठे करीब एक लाख कर्मचारी रिटायर हो गए लेकिन उन्हे पदोन्नति नसीब नहीं हुई। राज्य सरकार ने बीच का रास्ता निकालने का वादा किया लेकिन वो किसी न किसी अड़चन में आ जाता है। मंगलवार को फिर कैबिनेट बैठक में पदोन्नति का मुद्दा उठा अधिकारियों ने प्रजेंटेशन भी दिया लेकिन उसमें भी सहमति नहीं बन पाई है।
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