संविदा कर्मियों से वोट लेने के बाद भूली भाजपा की सरकार,खुद को ठगा महसूस कर रहे संविदा कर्मी
विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chluhan) ने जमकर पंचायतें लगाईं और खूब घोषणाएं की। ऐसा लगा कि अब प्रदेश में संविदा कल्चर (samvida teachers) समाप्त हो जाएगा और पहले की तरह सबकुछ ठीक हो जाएगा। और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बातों में आ कर संविदा कर्मियों (samvida) ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जमकर वोटिंग की। वोटिंग का प्रतिशत इतना बढ़ा की जिस भाजपा को लोग कह रहे थे कि इस बार किसी भी सूरत में सरकार नहीं बनेगी उसी भाजपा ने प्रदेश में प्रचंड बहुमत प्राप्त कर फिर से सरकार बना ली। सरकार बनते ही भाजपा ने पहले मुख्यमंत्री बदला और जब मुख्यमंत्री बदला तो संविदा कर्मियों की किस्मत भी बदल गई। जिस प्रकार से तत्कालीन सीएम शिवराज ने संविदा महा पंचायत में बड़ी-बड़ी घोषणाएं की वो कुछ नहीं हुआ। अब संविदा कर्मी फिर दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं। ग्रेड-पे के नाम पर सभी संविदा कर्मियों को ठग लिया गया और उनसे वोट भी ले लिया गया है। मांगे पूरी नहीं होने के बाद संविदा कर्मियों स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को इंदौर में ज्ञापन सौंपा है। जहां उन्होने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। ज्ञापन के दौरान संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा है कि उन्हे अगस्त के महीने से बढ़ा हुआ वेतन देने की बात कही गई थी जो आज तक पूरी नहीं हुई है।

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