देश का एक ऐसा जिला जहां हर इंसान मिलिट्स व्यंजनों का करता है पोषण, ‘घर में पकायेंगे और घर का खायेंगे’ को बनाया सूत्रःपढ़िए मुखबिर

मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले ने राष्ट्रीय पोषण माह 2025 को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक जनांदोलन में बदल दिया है। “घर में पकायेंगे - घर का खायेंगे” नवाचार के माध्यम से जिले ने पोषण, स्वास्थ्य और पारिवारिक सहभागिता को एक सूत्र में पिरोते हुए राज्य स्तर पर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। स्थानीय पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए, बाजार के अस्वास्थ्यकर खाद्य विकल्पों से दूर रहने का जो संदेश शाजापुर ने दिया है, वह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। पोषण माह पर 17 सितम्बर को स्थानीय पारंपरिक व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें दाल बाटी चूरमा, मक्के की रोटी, ज्वार-बाजरे की रोटियां, सोयाबीन से बने उत्पाद, अंकुरित अनाज और गुड़-चना जैसे पौष्टिक विकल्पों को लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया। जिलेभर में इस अभियान के अंतर्गत वृहद हस्ताक्षर और शपथ अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें अब तक 5 लाख से अधिक नागरिकों ने भाग लेकर “घर का खाना – सबसे अच्छा खाना” का संकल्प लिया है। अभियान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी, स्कूल शिक्षक, पंचायत प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन और आम नागरिक सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
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