'विष्णु' के हाथ में आते ही खिला ‘कमल’ पहली ही परीक्षा में जीती 19 सीट,मोदी और शाह ने भी मंच से की तारीफ

मध्य प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष वीडी शर्मा को ऐसे ही ‘शुभंकर’ नहीं कहा जाता है। जब भी भाजपा की ओर से उन्हे कोई टास्क दिया गया तो उन्होने उसे पूरी शिद्दत के साथ निभाया। साल 2019 में उन्हे उस वक्त भाजपा की कमान मिली थी जब प्रदेश में कांग्रेस की वापसी हो चुकी थी। उसी दौरान भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने युवा नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी। कुछ राजनीतिक सिश्लेषक यह मान कर चल रहे थे कि पार्टी सत्ता में नहीं है इस लिए टाइमपास के लिए उन्हे अध्यक्ष बना दिया गया है क्योंकि वो भाजपा युवा मोर्चा की राजनीति से आए थे लिहाजा धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। लेकिन उनका शुभंकर होना उसी वक्त सार्थक साबित होने लगा और महज 15 महीने में कांग्रेस की सरकार जमींदोज हो गई। 28 विधानसभा सीटों में उपचुनाव होना था। लोग यह मान कर चल रहे थे कि वीडी शर्मा के लिए यह वार्मअप मैच है लेकिन उन्होने इस मैच को फाइनल से भी ज्यादा दिलचस्प बनाते हुए 28 मे से 19 सीट जीत कर प्रदेश में स्थाई रुप से भाजपा की सरकार को स्थापित कर दिया। यहां से लोगों ने वीडी शर्मा की नेतृत्व क्षमता को नोटिस करना शुरु कर दिया। इस चुनाव के बाद वीडी शर्मा संगठन को मजबूत करने में जुट गए और उन्होने सबसे पहले जमीनी स्तर पर युवाओं की फौज को उतारना शुरु किया। बूथ विस्तार अभियान हो अथवा त्रिदेवों की रचना,वीडी शर्मा ने जमकर प्रवास किया। प्रदेश का ऐसा कोई कोना नहीं बचा जहां पर वीडी शर्मा के शुभ कदम नहीं पड़े हों। नगरीय निकाय चुनाव हुए तो उसमें भी वीडी शर्मा की टीम ने जमकर काम दिया और एकतरफ जीत दर्ज कर यह बता दिया कि वो सियासत के मझे खिलाड़ी हैं। साल 2023 में जब विधानसभा चुनाव की बारी आई तो सभी कह रहे थे कि भाजपा बुरी तरह से हारेगी लेकिन वीडी शर्मा विचलित नहीं हुए और उन्होने हमेशा यही कहा कि देखना भाजपा ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी। वीडी शर्मा इस लिए इतने आश्वस्त नजर आ रहे थे क्योंकि उन्होने त्रिवेदों को सभी जगहों पर तैनात कर दिया था। आखिर हुआ भी ऐसा ही वीडी शर्मा ने कार्यकर्ताओं को ऐसे रिचार्ज किया कि सभी को यह अहसास हो गया कि सरकार चली न जाए। पार्टी के कार्यकर्ता जी जान से चुनाव प्रचार में जुट गए और भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। ये बात और है कि लोग इस जीत का श्रेय लाड़ली बहना जैसी योजना को देने में जुट गए लेकिन जिस प्रकार से वीडी शर्मा और उनकी टीम ने काम किया वो गजब का था। वीडी शर्मा के संगठनात्मक क्षमता की तारीफ खुले मंच में अमित शाह और पीएम मोदी ने भी की। देश के दोनों बड़े नेताओं ने वीडी शर्मा की संगठनात्मक क्षमता की जमकर तारीफ की और यही कारण था कि वो अपनी ही पार्टी के नेताओं की आंख में कसकने लगे। लेकिन वीडी शर्मा एक ऐसे नेता हैं तो जीवन में कभी हार नहीं मानते। पांच साल और चार महीने के कार्यकाल में वीडी शर्मा का 100 फीसदी जीत का रिकॉर्ड रहा है। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने पहली बार 29 की 29 सीट जीत कर क्लीन स्वीप किया जिसके सबसे बड़े सूत्रधार वीडी शर्मा निकले।
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