वोट के लिए ओबीसी हितैषी बनने वाली कांग्रेस से दूर हुआ 'सामान्य वर्ग' भाजपा ने भी ब्राह्मणों को लगाया 'ठिकाने'

भाजपा हो अथवा कांग्रेस इन पार्टियों को लगने लगा है कि सत्ता के सिंघासन पर बैठना है तो ओबीसी वर्ग को साधना पड़ेगा। यही कारण है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां एक ही नांव पर सवार होकर ओबीसी वोट बैंक को साधने में लगातार लगे हैं। इस लाइन में कांग्रेस एक कदम आगे चल रही है। जिसमें ओबीसी वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कमान तो आदिवासी को नेता प्रतिपक्ष के पद से नवाजा गया है। अब कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार 27 फीसदी आरक्षण का झंडा बुलंद करते नजर आ रहे हैं। यहां तक कि जातिवाद का कांग्रेस नेताओं पर इतना भूत सवार है कि राजनीति में धुर विरोधी कहलाने वाले जीतू पटवारी और उमंग सिंघार अब आए दिन एक ही मंच पर दिखाई पड़ रहे हैं और कभी ओबीसी तो कभी आदिवासी वर्ग के उपेक्षा की आवाज को बुलंद करते नजर आ रहे हैं। ये नेता यह नहीं देख रहे कि कांग्रेस जब भी सत्ता में आई है तब उसको सामान्य वर्ग का खुला समर्थन मिला है। साल 2019 में जब पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान 'माई के लाल' जैसे शब्द का इस्तेमाल किया तो सामान्य वर्ग ने सिर्फ 30 फीसदी एकजुटता दिखाई और प्रदेश की सत्ता से भाजपा को बेदखल कर कांग्रेस को स्थापित कर दिया। उसके बाद भी भाजपा और कांग्रेस के दिमांग में यह बात नहीं आई कि सामान्य वर्ग की संख्या भले ओबीसी और आदिवासी वर्ग से कम हो लेकिन सत्ता की चावी सामान्य वर्ग के हाथों में ही है। और अब जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी में एक माहौल तैयार किया जा रहा है उससे ऐसा लगता है जैसे प्रदेश में सामान्य वर्ग नाम की कोई चीज ही नहीं है। कांग्रेस में हर पद जातियों के नाम पर आवंटित किए जा रहे हैं। जिसमें सामान्य वर्ग को अनदेखा किया जा रहा है। ठीक उसी प्रकार भाजपा में ब्राह्मणों को ठिकाने लगाने का काम शुरु किया गया है। गिनती के लिए सरकार में राजेन्द्र शुक्ला और। राकेश शुक्ला को मंत्री बनाया गया है लेकिन ये दोनों ऐसे नेता हैं जिनकी ब्राह्मणों के भीच स्वीकार्यता नहीं है। बांकी गोपाल भार्गव,डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा,वीडी शर्मा को भाजपा में ठिकाने लगाया जा चुका है। संगठन में ब्राह्मणों को किसी महत्वपूर्ण पद में स्थान नहीं दिया जा रहा है। पता चला है भाजपा नई कार्यकारिणी घोषित करने की तैयारी में है जिसमें एससी,एसटी और ओबीसी को ही महत्व दिए जाने की बात सामने आ रही है। भाजपा में एक बात भी लोकप्रिय है कि ब्राह्मण और सामान्य वर्ग के पास भाजपा में आने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं है लिहाजा दूसरे वर्गों पर फोकस करके चलो।
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