बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी तय,20 दिन के अंदर होगी जारी,कैसी होगी कार्यकारिणी पढ़िए Mukhbir

Sep 8, 2025 - 16:00
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बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी तय,20 दिन के अंदर होगी जारी,कैसी होगी कार्यकारिणी पढ़िए Mukhbir

बीजेपी (BJP) के नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल एक ऐसी प्रदेश कार्यकारिणी की आधारशिला रखने जा रहे हैं जो मिशन 2028 के विधानसभा चुनाव में जीत की नजीर पेश करेगी। हेमंत खंडेलवाल पार्टी के उन मझे खिलाड़ियों में हैं जिनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है और उसका फायदा उन्हे ऐसे मिलता है कि उनकी थाह तो कोई नहीं ले पाता लेकिन खेमों में बंटे नेताओं की वो जरुर थाह ले लेते हैं। अध्यक्ष बनने के बाद से ही हेमंत खंडेलवाल प्रदेश कार्यकारिणी तैयार कर रहे हैं। हर क्षेत्र की जातिवार और उनकी क्षमताओं के आधार पर वो पहले से ही जानकारी इकट्ठा कर चुके हैं। कुल मिला कर प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकारिणी का रफ तैयार कर लिया है केन्द्रीय नेतृत्व की मंजूरी मिलते ही रफ फेयर में तब्दील हो जाएगा। कुछ ऐसे इस्यूज हैं जिसको लेकर अभी तक कार्यकारिणी फाइनल नहीं हुई है बांकी सारी चीजें फाइनल हैं। कार्यकारिणी की विशेषता यह है कि इसमें हर क्षेत्र को महत्व दिया जा रहा है। खासकर किस क्षेत्र में किस जाति-वर्ग की संख्या कितनी है और उस जाति-वर्ग से भाजपा का कौन सा कार्यकर्ता मजबूत है ऐसे कार्यकर्ताओं को चुन कर कार्यकारिणी में शामिल किया जाएगा। इस कार्यकारिणी में नेता पुत्रों को भी स्थान मिले तो कोई अति संयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि पीएम मोदी ने चुनाव को लेकर वंशवाद का मुद्दा उठाया है लिहाजा कोई नेता पुत्र अपने क्षेत्र में पार्टी के लिए अच्छा काम कर रहा है और उसके पॉजिटिव रुझान आ रहे हैं तो ऐसे नेता पुत्रों को भी इस कार्यकारिणी में स्थान दिया जाएगा। इनके अलावा एक और बड़ा सवाल उठ रहा है कि वर्तमान कार्यकारिणी के लोगों को अगली कार्यकारिणी में स्थान मिलेगा य नहीं तो Mukhbir को मिली सूचना के आधार पर वर्तमान कार्यकारिणी के करीब 30 से 35 फीसदी लोगों को अगली कार्यकारिणी में स्थान दिया जाएगा उसमें उनके काम की पहले समीक्षा होगी और फिर उनकी पिछली परफॉर्मेंस रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्यकारिणी में स्थान दिया जाएगा। इस कार्यकारिणी में एक और कोशिश हो रही है कि एक व्यक्ति एक पद को प्राथमिकता दी जाए। हांलाकि वो पार्टी की लाइन में नहीं है लेकिन ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को अर्जेष्ट करने के लिए सांसद और विधायकों को कम स्थान देने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली से अगर प्रदेश कार्यकारिणी को फाइनल किया जाता है तो पित्रपक्ष कोई बाधा नहीं बनेगा। मतलब पित्रपक्ष में भी प्रदेश कार्यकारिणी जारी हो सकती है अन्यथा नवरात्रि तक कार्यकारिणी को किसी भी सूरत में जारी कर दिया जाएगा। अभी जिलों की कार्यकारिणी जारी हो रही है। प्रदेश कार्यकारिणी जारी होने के बाद निगम-मंडलों की नियुक्तियां की जाएंगी।

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