‘विवादित’ बयान देकर सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी,सामान्य खबरें नहीं चलने पर देते हैं विवादित बयान

‘जो जिंदा हों तो फिर जिंदा नजर आना जरुरी है’ वसीम बरेलवी द्वारा कहा गया यह शेर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर फिट बैठता है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी कांग्रेस के उन नेताओं में हैं जिन्हे एक्सिडेंटल अध्यक्ष माना जाता है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष रह चुके जीतू पटवारी उस समय भी अक्शर हाथ में कई अखबार लेकर प्रेसवार्ता किया करते थे और आज अध्यक्ष बनने के बाद भी वो हाथ में अखबार लेकर ही बात करते हैं। खुद तो कुछ खोज करते नहीं हैं ऐसे में जब उनका अखबारिया ज्ञान खत्म हो जाता है तो फिर मीडिया के सवाल होने पर वो अनाप सनाप बोलना शुरु कर देते हैं। इसके पीछे एक और भी कारण है दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष हाथ में अखबार लेकर आते हैं और उसी पर प्रेसवार्ता करते हैं। अखबारों की मजबूरी है कि जो खबर वो छाप चुके हैं उस खबर को वो फिर कैसे छापें लिहाजा कांग्रेस अध्यक्ष का जैसे ही अखबारिया ज्ञान खत्म होता है तो मीडिया वाले अन्य सवालों की झड़ी लगा देते हैं। जीतू पटवारी को भी मालूम है कि अब तो उन्होने जो कहा वो छपने वाला नहीं है लिहाजा अब प्रेसवार्ता की है तो कुछ ऐसा बोलना होगा जो मुद्दा बने। ऐसी स्थिति में वो कुछ ऐसा बोल जाते हैं जो अगले कुछ दिनों के लिए मुद्दा बना रहता है और जीतू पटवारी सुर्खियों में बने रहते हैं। कुछ ऐसा ही उन्होने सोमवार को भी किया था। जब उनका अखबारिया ज्ञान खत्म हुआ तो उन्होने प्रदेश की महिलाओं को ही टारगेट कर दिया। और देश की सबसे ज्यादा शराबी महिलाओं में मध्य प्रदेश की महिलाओं की तुलना करदी। पटवारी द्वारा दिया गया यह बयान इस कदर चला कि सभी अखबारों और न्यूज चैनलों में सुर्खियों में आ गया और पटवारी की मेहनत रंग लाई। बयान देकर वो जबलपुर चले गए और वहां पर नया तरीका निकाल कर उन्होने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। जबलपुर में पटवारी ने ऐसे फोटो जारी किए जिसके बाद सरकार की भी बोलती बंद हो गई।
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