ओबीसी के भय से भाजपा नहीं बना पा रही राष्ट्रीय अध्यक्ष,सामान्य वर्ग से बनते रहे हैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष

दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी पिछले छह सात महीने से राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा तय नहीं कर पा रही है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओबीसी वर्ग से आते हैं लिहाजा अब भारतीय जनता पार्टी एससी,एसटी अथवा सामान्य वर्ग से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन करेगी लेकिन देश में जिस प्रकार से दावा किया जा रहा है कि 52 प्रतिशत से ज्यादा ओबीसी वर्ग है और अगर उस वर्ग से भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया तो ओबीसी वर्ग नाराज हो सकता है। वहीं कांग्रेस ने पहले ही एससी वर्ग से मल्लिकार्जुन खरगे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना कर अपना दांव पहले ही खेल दिया जिसके कारण भाजपा की तरफ और दबाव आ गया है। जबकि भाजपा के इतिहास की तरफ नजर डाले तो भाजपा में 99 फीसदी सामान्य वर्ग से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं और वही चेहरे कामयाब भी रहे हैं। वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्राह्मण वर्ग से आते हैं इनसे पहले अमित शाह,नितिन गटकरी अध्यक्ष हुआ करते थे वो भी सामान्य वर्ग से थे,उनसे पहले राजनाथ सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे वो भी सामान्य वर्ग से थे। इसी प्रकार अटल बिहारी वाजपेयी और फिर लालकृष्ण आडवाणी की बात करें सभी सामान्य वर्ग से अध्यक्ष रहे हैं। भाजपा की सफलता का केन्द्र ही सामान्य वर्ग के अध्यक्ष रहे हैं लिहाजा अब भारतीय जनता पार्टी ऐसे रास्ते पर खड़ी है कि आखिर किस वर्ग से पार्टी में अध्यक्ष बनाया जाए। एमपी से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम काफी सुर्खियों में है लेकिन पीएम मोदी और अमित शाह उन्हे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं है। फिलहाल भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर मंथन लगातार जारी है अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस बार किस वर्ग पर दांव खेलती है।
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