अगले हफ्ते मिलेगा एमपी बीजेपी को नया 'अध्यक्ष' केन्द्रीय नेतृत्व ने की रायशुमारी

मप्र भाजपा का अगला मुखिया कौन होगा इस बात पर सस्पेंस अब भी बरकरार है। जनवरी के महीने से भाजपा के कार्यकर्ता अगले प्रदेश अध्यक्ष का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन अब तक केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा करने में नाकाम रहा। आमतौर पर माना जाता है कि पीएम मोदी और अमित शाह जो फैसला कर लेते हैं उस पर कोई उंगली नही उठा सकता लेकिन एमपी बीजेपी में जिस प्रकार से कुछ नेताओं ने बगावती तेवर अपना रखा है उससे केन्द्रीय नेतृत्व भी हैरान और परेशान है। मप्र के अलग-अलग अंचलों से जिस प्रकार भाजपा से वरिष्ठ नेताओं के नाराजगी की खबरें मिल रही हैं उसको देखते हुए केन्द्रीय नेतृत्व भी पसोपेश में है कि वो एक मजबूत नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाएं जो सभी नेताओं पर नियंत्र रख पाए। केन्द्र की तरफ से मजबूत नेता चुनने की बारी आती है तो सीएम मोहन यादव नाराज होने लगते हैं उन्हे लगता है कि कोई मजबूत नेता अध्यक्ष बना तो प्रदेश में दूसरा पावर सेंटर स्थापित हो जाएगा। लिहाजा इन सभी समस्याओं को देखते हुए केन्द्रीय नेतृत्व अब तक नए अध्यक्ष के घोषणा की हिम्मत नहीं जुटा पाया है। लेकिन वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल को समाप्त हुए दो साल से अधिक का वक्त बीत चुका है और अब उनको अध्यक्ष बने पांच साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। ऐसे में अगर वर्तमान अध्यक्ष को ही रिपीट किया जाता है तो उनका कार्यकाल आठ साल का हो जाएगा और बीजेपी के इतिहास में अभी तक किसी एक नेता को लगातार आठ साल तक पार्टी की कमान नहीं सौंपी गई है।वर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा का सफलताओं भरा कार्यकाल रहा है लेकिन पार्टी उनको लगातार कांटीन्यू नहीं कर सकती। इसी लिए दूसरे और योग्य अध्यक्ष की खोज चल रही है। पिछले रविवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भोपाल दौरे पर आए थे इस दौरान उन्होने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर रायशुमारी की है। उनके बाद केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने भी भोपाल दौरा किया और अध्यक्ष को लेकर उन्होने भी रायशुमारी की। एक निजी होटल में रुके भूपेन्द्र यादव ने देर रात तक नेताओं से चर्चा की है। लिहाजा अब माना जा रहा है कि अमित शाह जिस नेता को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं अब उस नेता के लिए माहौल तैयार हो चुका है। दरअसल पूरे विरोध के बीच अमित शास अपने विश्वसनीय को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं जो पार्टी की निरंकुशता पर अंकुश लगा सके इस लिए अमित शाह ने मजबूत नेता का अध्यक्ष पद के लिए चयन किया है। उस नेता को लेकर पार्टी में सब एक राय नहीं थे जिसके कारण भूपेन्द्र यादव को माहौल बनाने की जिम्मेदारी सौपी गई थी क्योंकि वो एमपी की तासीर से काफी परिचित हैं और यहां के नेताओं की कमजोर नस से परिचित हैं। Mukhbir को मिली सूचना के मुताबिक अब नए अध्यक्ष को लेकर सहमति बन गई है और अगले हफ्ते किसी भी दिन घोषणा कर दी जाएगी।
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