मोदी का दौरा भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए बना 'अग्नि परीक्षा' भीड़ जुटाना होगा कार्यकारिणी का आधार

17 सितंबर को पीएम मोदी का जन्मदिन है। इस दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए सत्ता और संगठन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि जिलों की कार्यकारिणी जारी करने के सिलसिले को भी सिथिल कर दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से लेकर प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा सभी लोग अलग-अलग जिलों का दौरा कर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं और सेवा पखवाड़े को ऐतिहासिक बनाने का आग्रह कर रहे हैं। पीएम मोदी का दौरा पार्टी पदाधिकारियों के लिए अग्नि परीक्षा भी बन गया है। दरअसल प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा होनी है लिहाजा जिस नेता को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होना हो उसको परफॉर्मेंस दिखानी होगी। मतलब साफ है कि वो परफॉर्मेंस भीड़ ही है। क्योंकि मोदी के दौरे को भाजपा ने चैलेंज के रुप में लिया है। आदिवासियों के बीच पहुंच रहे पीएम मोदी प्रदेश की नारी शक्ति को कई तोहफे देने वाले हैं। सीएम मोहन यादव ने पहले ही संकेत दिया था कि पीएम मोदी के दौरे को ऐतिहासिक बनाना है। यानि इस दौरे के लिए सरकार का हर तंत्र तो काम करेगा ही साथ ही संगठन के सभी मोर्चे और प्रकोष्ठ भी भीड़ जुटाने में लग गए हैं। पीएम मोदी के जन्मदिन को भाजपा सेवा पखवाड़े के रुप में मनाती है। जो दो अक्टूबर तक चलता है। इस दौरान भाजपा की तरफ से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते हैं लिहाजा भाजपा इस अभियान के आगाज में ही अपनी पूरी क्षमता लगा रही है क्योंकि पीएम मोदी को सरकार की तरफ से आमंत्रित किया गया है। यह एक ऐसा आयोजन होगा जिसकी गूंज देश भर में होगी। एक उदाहरण के तौर पर इस कार्यक्रम को गिना जाएगा इसी लिए सरकार और संगठन ने इस कार्यक्रम में अपनी ताकत झोंक दी है। लेकिन दांव में उन नेताओं को लगा दिया है जो प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होने का सपना देख रहे हैं। जो कार्यकर्ता भीड़ नहीं जुटा पाएगा मतलब उसका जनाधार नहीं है ऐसी स्थिति में वो नेता संगठन का काम कैसे कर पाएगा। भाजपा में अंदर खाने यही चर्चा भी चल रही है कि अब उनकी संगठन में क्या भूमिका होगी। मौका मिलेगा य नहीं इन्ही सब बातों को लेकर पार्टी के सभी पदाधिकारी टेंशन में हैं।
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