अब भाजपा में उन कार्यकर्ताओं और विधायकों को सामने लाया जाएगा जो सालों से हैं उपेक्षित,'हेमंत' को दिल्ली से मिला फ्री हैंड

मप्र भाजपा में अब हेमंत युग का आगाज होने जा रहा है। अभी तक कार्यकर्ताओं से मेल मिलाप और जान पहचान का ही दौर चलता रहा है। लेकिन दिल्ली दौरे से लौटे भाजपा के नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल एक नई ऊर्जा और उत्साह लेकर लौटे हैं। Mukhbir को मिली सूचना के अनुसार हेमंत खंडेलवाल संगठन में बदलाव के लिए केन्द्रीय नेतृत्व से फ्री हैंड चाहते थे। मंगलवार को जब भाजपा अध्यक्ष खंडेलवाल और सीएम मोहन यादव ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की तो पहले केन्द्रीय मंत्री का स्वागत सत्कार हुआ और फिर अध्यक्ष बनने के लिए उनका आभार व्यक्त किया गया। इसके बाद तीनों नेता कुर्सी पर बैठ गए। सीएम मोहन यादव केन्द्रीय गृह मंत्री से बात करने लगे हेमंत खंडेलवाल उस वक्त बिल्कुल चुप रहे। अमित शाह की नजर अचानक हेमंत खंडेलवाल पर पड़ी जिसके बाद उन्होने कहा कि खंडेलवाल जी बताइए अब आगे क्या इरादा है। काफी संकोच के सात भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में बड़े स्तर पर बदलाव की जरुरत है। कई पदाधिकारी ऐसे हैं जो एक ही पद पर सालों से बैठे हैं जिसके कारण पार्टी के कई अभियानों में लापरवाही हो रही है। मै चाहता हूं जिस प्रकार से पार्टी ने मुझे आगे किया है ठीक उसी प्रकार ऐसे नेताओं का संगठन में प्रवेश कराया जाए जो योग्यता होते हुए भी सालों से वंचितों की तरह पार्टी में काम कर रहे हैं। सभी नेताओं को और कार्यकर्ताओं को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एक अच्छा संदेश जाए। जिस पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आप ऐसे नेताओं की लिष्ट तैयार कीजिए। उन्हे उनकी योग्यता और निष्ठा के अनुसार जरुर काम दिया जाएगा। इस बात में कोई सक नहीं कि हेमंत खंडेलवाल ज्यादा बात नहीं करते हैं लेकिन जितनी बात करते हैं उसके अर्थ अनेक और गंभीर निकलते हैं। हेमंत खंडेलवाल अनुशासन प्रिय नेता है जिसके संकेत उन्होने अध्यक्ष पद बनते ही दे दिए थे जब उन्होने सभी नेताओं की मौजूदगी में दिए थे कि जो भी पार्टी से दाएं बाएं होगा उसे दिक्कत होगी। मतलब साफ है कि कार्यभार ग्रहण करते है हेमंत खंडेलवाल ने यह बता दिया है कि भाजपा एक कैडरबेस पार्टी है जहां अनुशासन को ही सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। जिस प्रकार से पिछले कुछ महीनों से एमपी बीजेपी का कांग्रेसी करण हुआ था जिस नेता के मन में जो भी आ रहा था वो वही बयान दे रहा था अब ऐसी छूट पर लगाम लगने वाली है। नेताओं को जक-एक बयान सोच और समझ कर देना होगा। खंडेलवाल की अमित शाह से हुई मुलाकात के बाद अब यह तय हो गया है कि पार्टी में सीनियर कार्यकर्ताओं और सीनियर विधायकों को महत्व मिलने वाला है।
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