सरकार के आदेश को खुली चुनौती ठीक पांच बजे 'चिढ़ाते' हैं लाउडस्पीकर,जिम्मेदारों ने कान में डाली रुई

मप्र सरकार के एक सख्त आदेश की कुछ दिन में ही हवा निकल गई। जिस आदेश के कारण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं वही आदेश अब सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है और सुबह पांच बजते ही सीएम का वो आदेश सरकार को 'चिढ़ाने' लगता है। दरअसल डॉ. मोहन यादव ने सीएम पद की शपथ लेते ही पहला सिग्नेचर शोर शराबे पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश पर किया था। जिसके तहत धार्मिक स्थलों में तय सीमा के तहत की आवाज करने का आदेश दिया गया था। सीएम का सिग्नेचर होते ही शहर की पुलिस हर्कत में आई और धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को उतरवा दिया गया था। मंदिरों में तो सरकार के आदेश का आज भी पालन हो रहा है लेकिन मस्जिदों में कुछ समय बाद ही लाउडस्पीकर चढ़ गए और अब सुबह ठीक पांच बजे ही सरकार के आदेश को 'चिढ़ाने' का सिलसिला शुरु हो जाता है। अब तो पहले से भी ज्यादा ध्वनि का इस्तेमाल किया जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि शहर के हर नागरिक के कानों तक कानफाडू आवाज पहुंच रही है। लोगों की सुबह की नींद खराब हो रही है लेकिन सीएम के आदेश का पालन कराने वाली पुलिस के कान तक आवाज नहीं पहुंच रही है क्योंकि जिम्मेदार पुलिस ऑफीसर एसी कमरे में कान में रुई डाल कर रजाई तान कर सो रहे हैं जिसके कारण उनके कानों तक कानफाडू आवाज पहुंच ही नहीं पा रही है। सुबह पांच बजे पढ़ी जा रही अजान अब ऐसे ध्वनि में पढ़ी जाती है जैसे मानो सरकार को खुली चुनौती दे रही हो कि आपके आदेश को हम नहीं मानते क्योंकि हमारा कानून अपना है। आपके कानून को हम नहीं मानते।
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