रीवा में दो गुटों में बंटी भाजपा,आधे इधर-आधे उधर जाओ की स्थिति में उलझी सरकार और संगठन

Sep 20, 2025 - 07:42
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रीवा में दो गुटों में बंटी भाजपा,आधे इधर-आधे उधर जाओ की स्थिति में उलझी सरकार और संगठन

विंध्य भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है। भाजपा को सबसे ज्यादा सीट देने वाला क्षेत्र विंध्य ही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने विंध्य में अन्य नेताओं के साथ सौतेले बेटे की तरह व्योहार किया जिसके परिणाम अब धरातल पर दिखने लगे हैं। भाजपा ने राजेन्द्र शुक्ल को बेटा बना कर आगे कर दिया तो अन्य नेता खुद को सौतेला समझने लगे और उसकी बानगी बीच-बीच में देखने को मिली लेकिन राजेन्द्र शुक्ल का कद इतना बढ़ गया कि प्रदेश नेतृत्व की तरफ से उन्हे कोई टच करने की हिम्मत तक नहीं कर पाया और नतीजे के तौर पर विवाद उस वक्त बाहर आ गया जब मऊगंज में सीएम की जनसभा हुई तो राजेन्द्र शुक्ल को पोस्टरों से गायब रखा गया। उस पर भी सरकार की आंख नहीं खुली तो दूसरा झटका त्योंथर में हुई सीएम की जनसभा में लगा। जहां राजेन्द्र शुक्ल न सिर्फ पोस्टर में गायब नजर आए बल्कि वो मंच से भी नदारत रहे। मजे की बात यह है कि सिरमौर से तीन बार के विधायक जिनकी विधानसभा त्योंथर से लगी हुई है वो भी सीएम के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। पता चल रहा है कि दोनों नेताओं ने सीएम मोहन यादव का रीवा एयरपोर्ट पर ही स्वागत कर दिया और वहीं से दोनो नेता अपने-अपने रास्ते निकल गए। सीएम मोहन यादव को बात तो समझ आ गई कि यहां पर आग लग चुकी है लेकिन उनके पास इतना समय नहीं था कि वो आग की लपटों को बुझाने में अपने समय दे पाते। दरअसल जिस प्रकार से रीवा में गुट बने हैं उनमें गिरीश गौतम और सिद्धार्त तिवारी एक साथ हो गए हैं,इन नेताओं के एक होने के कारण एक दूसरे के विरोधी कहलाने वाले दिव्यराज सिंह और डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल एक पाले में आ गए हैं बांकी बचे मनगंवा विधायक और मऊगंज विधायक जो कभी इधर तो कभी उधर गुलाटी मार कर अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास करते रहते हैं। यह पहला मौका नहीं है जब यहां गुटबाजी गुल कर आई हो इससे पहले रीति पाठक को लेकर भी भाजपा में काफी विवाद होता रहा है जिसके कारण बीएल संतोष को रीती पाठक से मुलाकात करनी पड़ी। इसी प्रकार कुछ और नेता भी हैं जो भाजपा में लगातार जीत के बाद भी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इन सब बातों के बाद भी भाजपा का नेतृत्व आंख मूंद कर बैठा है। जिस प्रकार से अकेले रीवा में ही भाजपा नेताओं के बीच द्वंद की स्थिति निर्मित हो गई है उससे यह तय है कि आने वाले समय में भाजपा का गढ़ माने जा रहे विंध्य में भाजपा को गृह युद्ध के हालात से गुजरना होगा जो काफी भयावह होने वाला है।

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