मोहन मंत्रिमंडल के विस्तार की कवायद तेज,पहले प्रदेश कार्यकारिणी फिर निगम-मंडल और उसके बाद मंत्रिमंडल का होगा विस्तार

मध्य प्रदेश भाजपा इन दिनों कई मोर्चों पर एक साथ मंथन कर रही है। प्रदेश सरकार में कई ऐसे मंत्री हैं जिन्हे पहली बार चुनाव जीतने पर ही मंत्री बनाने का प्रयोग किया गया जिसमें कुछ नेता बेलगाम होते जा रहे हैं। ऐसे नेता सरकार के लिए समस्या का सबब बन रहे हैं लिहाजा उनको मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाने का भी प्लान तैयार हो रहा है। कुछ ऐसे नेता हैं जो मंत्री नहीं बन पाने के कारण बागी बनने की स्थिति में हैं लिहाजा पार्टी उनको मंत्री का पद देकर सम्मानित करने की तैयारी कर रही है। भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश नेतृत्व ऐसे मंत्रियों की लिष्ट तैयार कर रहा है जिनका आचरण ठीक नहीं है और उनसे सरकार और पार्टी दोनों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे मंत्रियों को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार की जाएगी और फिर उनको हटाने की अनुमति दिल्ली से ली जाएगी। लेकिन इस योजना को धरातल में उतारने से पहले प्रदेश कार्यकारिणी घोषित करने की योजना है। पार्टी चाहती है कि पहले जिला कार्यकारिणी फिर प्रदेश कार्यकारिणी और अंत में मंत्रिमंडल में फैरबदल और विस्तार किया जाना चाहिए जिससे सत्ता और संगठन के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके और सभी नेता एक जुट होकर नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ कैबिनेट का विस्तार हो चुका है उसके बाद अब एमपी में मंत्री बनने का सपना संजोए बैठे विधायक दिल्ली तक दौड़ लगाने लगे हैं लिहाजा अब पार्टी पर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दबाव बन रहा है। इसी लिए निगम-मंडल,प्रदेश कार्यकारिणी जारी होने के तुरंत बाद बचे नेताओं को मंत्रिमंडल में समायोजित कर भाजपा सभी नेताओं को संतुष्ट करने की योजना तैयार कर रही है।
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