दिग्विजय और सिंघार की मुलाकात पर सियासत में आया ज्वार-भांटा,हैरान और परेशान हुए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी

Oct 9, 2025 - 19:58
 0  78
दिग्विजय और सिंघार की मुलाकात पर सियासत में आया ज्वार-भांटा,हैरान और परेशान हुए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी

दिग्विजय सिंह कांग्रेस के उन नेताओं में हैं जिनका नाम लेकर भाजपा के कई नेताओं की राजनीति चमकती है। और उसी नक्शे कदम पर कमलनाथ सरकार में तबके मंत्री और अब के नेता प्रति पक्ष उमंग सिंघार भी चले थे जब उन्होने सरकार में मंत्री रहते हुए भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ बगावत का बिगुर फूंकते हुए पर्दे के पीछे रह कर सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए अवैध उत्खनन जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। उन आरोपों का उमंग सिंघार ने कभी खंडन भी नहीं किया। उमंग सिंघार आज नेता प्रतिपक्ष हैं और राजनीति में बड़ा कद भी रखते हैं। इस बीच पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह अचानक नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के निवास पहुंचे तो प्रदेश में सियासत का ज्वार-भांटा आ गया। दोनों नेताओं की मुलाकात के चर्चे उनकी पार्टी में कम लेकिन भाजपा में खूब देखने को मिले। उमंग सिंघार के निवास पर दिग्विजय सिंह का अचानक पहुंचना भी कोई आम बात नहीं लिहाजा दोनों की मुलाकात पर चर्चा होना लाजमी भी है। इस बीच एक बात प्रमुखता से देखने को मिली। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की जो तस्वीर सार्वजनिक की गई उसमें दोनों नेता एक ही सोफे पर बैठे हैं। सोफे के एक कोने पर दिग्विजय सिंह तो दूसरे कोने पर उमंग सिंघार बैठे हैं। दोनों नेताओं के होंठो पर मुस्कान भी दिख रही है। लेकिन मुस्कुराहट कोई व्यक्तिगत खुशी की नहीं बल्कि सियासी मुस्कुराहट ज्यादा दिख रही है। सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा हो रही है कि बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच बात क्या हुई। हांलाकि कमरे में हुई मुलाकात एक रहस्य ही है लेकिन मुलाकात से निकले ज्वार-भांटा के छीटे सियासी गलियारे में तपिस पैदा कर रहे हैं। भाजपा में तो चर्चे हैं ही साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मन मस्तिष्क में सैकड़ों सवाल चल रहे हैं। पटवारी ने अपने जासूसों को तत्काल सक्रिय किया यह पता लगाने के लिए कि दोनों के बीच बात क्या हुई है। इस बैठक में एक बात ये निकल कर जरुर आ रही है कि जिन विधायकों को जिला अध्यक्ष बनाया गया था उन क्षेत्रों में अब प्रभावशाली जिला प्रभारी बनाने की कवायद चल रही है। इन जिला प्रभारियों की नियुक्ति से ये तो तय है कि उन जिला अध्यक्षों का पद सिर्फ नाम का रह जाएगा। उनके पास कुछ करने के लिए कोई अधिकार नहीं रह जाएगा। दोनों नेताओं की मुलाकात का यह भी एक बड़ा कारण है। गौरतलब है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को विधायक रहते जिला अध्यक्ष बनाया गया है। लिहाजा प्रभारी नियुक्त होने के बाद उनका पद भी सिर्फ पद ही बन कर रह जाएगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow