आरक्षण की 'मलाई' पक्ष-विपक्ष ने मिल कर खाई,अब नहीं चलेगी मैदानी लड़ाई

मप्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच अब बात सुलझती नजर आ रही है। कांग्रेस की तरफ से लगातार सरकार पर हो रहे आरक्षण पर हमलों के बाद सीएम मोहन यादव ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया। यह बैठक सीएम हाउस में आयोजित की गई जिसमें कांग्रेस की तरफ से पांच नेता शामिल हुए तो वहीं सीएम मोहन यादव इस बैठक की अध्यता कर रहे थे। सरकार और विपक्ष के अलावा समाजवादी और आम आदमी के प्रतिनिधि मंडल को भी इस बैठक में शामिल किया गया। बैठक होने से पहले तो कांग्रेस के नेता खूब तमतमाते हुए अंदर गए और कहा कि गृह प्रवेश का नारियल तो पांच साल पहले ही फूट चुका था अब क्या करना चाहते हैं समझ में नहीं आ रहा है। बैठक से पहले यह भी कहा गया कि ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार की मंशा ठीक नहीं है। करीब आधे घंटे तक अंदर बैठक हुई। अंदर जाते समय माहौल गर्म और उमस भरा था। बैठक चलते-चलते बादल ऐसे बरसे कि सारी गर्मी एक झटके में बाहर आ गई कांग्रेस के आक्रोशित चेहरों में भी राजनीतिक मुस्कान बिखरी नजर आई ऐसा लगा मानो कांग्रेस नेताओं ने बैठक में सरकार को चारों खाने चित्त कर दिया हो। बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष ने निवास पर मीडिया से बात करते हुए बैठक का स्वागत किया और कहा कि देर आए दुरुस्त आए यही काम पहले कर लिया होता तो यह मामला आज तक खिंचता ही नहीं। मतलब साब है ओबीसी आरक्षण नाम की मलाई पक्ष और विपक्ष ने एक साथ चखी और ऐसी चखी की उसकी मिखास उमंग सिंघार के बयानों में साफ नजर आ रही थी। उमंग सिंघार ने कहा कि अब पक्ष और विपक्ष एक साथ मिल कर इस लडाई को लड़ेंगे और अंजाम तक लेकर जाएंगे। ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिला कर ही मानेंगे। जिस प्रकार से बैठक के बाद नेताओं के सुर बदले उससे यही लगता है कि अब ओबीसी के नाम पर चल रही लड़ाई पर फिलहाल अल्प विराम लग गया है।
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