दुनिया की सबसे बड़ी ‘पार्टी भाजपा’ को नहीं मिले अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार,एक ही नामांकन के चलते हुआ निर्विरोध चुनाव

दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कही जाने वाली भाजपा में अध्यक्ष पद के लिए एक से अधिक दावेदार सामने नहीं आए। भाजपा के नेता पार्टी में पूर्ण रुप से लोकतंत्र की भी बात करते हैं। दो दिन पहले मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष का नामांकन हुआ जिसमें सिर्फ एक उम्मीदवार हेमंत खंडेलवाल ने नामांकन भरा और फिर उन्हे प्रदेश अध्यक्ष के रुप में विजयी घोषित कर दिया गया। बुधवार को सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक प्रेस वार्ता में इस बात का उल्लेख किया कि भाजपा का यही अनुशासन है कि यहां जिसने सबसे पहले नामांकन भर दिया उसके बाद कोई दूसरा नामांकन नहीं भरता है और आपसी सहमति से चुनाव हो जाता है। अब सवाल इस बात का उठता है कि ये कैसा लोकतंत्र है जिसमें केन्द्रीय नेतृत्व नाम भेजता है और फिर चुनाव कराया जाता है। जब केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा भेजे नाम का ही ऐलान करना है तो सीधे पर्ची खोलते और घोषणा कर देते इतना ड्राम क्यों किया गया। जबकि भाजपा में कम से कम दो दर्जन ऐसे नेता हैं जो प्रदेश अध्यक्ष के लिए तैयारियां किए बैठे थे। लेकिन अंत में सीएम और संघ की जुगलबंदी से हेमंत खंडेलवाल के नाम पर मुहर लगा दी गई और नामांकन जैसी प्रक्रिया का पूरा ड्रामा रचा गया। दिल्ली से चुनाव प्रभारी बन कर आए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान बोलते रहे कि कोई और तो नहीं जिसे नामांकन भरना है लेकिन ये भाजपा है जिसको अपना भविष्य खत्म करना है वही अपनी मर्जी से नामांकन भर सकता है अन्यथा जिसका नाम दिल्ली से भेजा गया है सिर्फ वही नामांकन भर सकता है। सारी बातों को एक तरफ कर दिया जाए तो यह भी तत्थ्य सामने आता है कि बड़े-बड़े नेताओं से सजी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा में नेताओं का अकाल पड़ गया है जो प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनना चाहते अथवा वो प्रदेश अध्यक्ष के लायक खुद को नहीं समझते हैं।
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