भाजपा में जिला कार्यकारिणी को लेकर सिर फुटौव्वल की स्थिति,कांग्रेस से भाजपा में आए कार्यकर्ता बने समस्या

मध्य प्रदेश कांग्रेस जिला अध्यक्षों के विवाद से नहीं उबर रही तो वहीं भाजपा जिला कार्यकारिणी को लेकर परेशान है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल विवादों को खत्म करने के लिए नवाचार किया और प्रदेश नेतृत्व की तरफ से हर जिले में दो-दो ऑब्जर्वर भेजे जिनका काम जिले की कार्यकारिणी तैयार करवाना था। दावा किया जा रहा था कि 15 अगस्त तक जिलों की कार्यकारिणी का काम पूरा कर लिया जाएगा। 90 फीसदी से जादा ऑब्जर्वर जिलों से लौट चुके हैं लेकिन जिलों की कार्यकारिणी जारी होने का सिलसिला शुरु नहीं हुआ है। Mukhbir को मिली सूचना के अनुसार कांग्रेस से लाखों की संख्या में भाजपा में आए कार्यकर्ता अब भाजपा के लिए समस्या का सबब बन गए हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता अभी तक खुद को अर्जेस्ट करने का सपना संजोए बैठे थे ऐसे में उनके लिए जिलों की कार्यकारिणी संजीवनी बन कर सामने आई जिससे उन्हे उम्मीद थी कि पार्टी अब उन्हे मुख्य धारा में लाएगी लेकिन भाजपा के जो मूल कार्यकर्ता हैं उनका आरोप है कि वो सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं ऐसी स्थिति में उन्हे पद चाहिए। लिहाजा अब भाजपा की समस्या बढ़ गई है। भाजपा अपने मूल कार्यकर्ताओं को छोड़ना नहीं चाहती जिन्होने हर दौर में पार्टी का साथ दिया है लेकिन कांग्रेस से भाजपा में आए कार्यकर्ताओं को भी भाजपा नहीं छोड़ पा रही है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में जब कार्यकर्ताओं को लाया गया था तो उन्हे उचित सम्मान देने का वादा किया गया था। लिहाजा अब भाजपा नेतृत्व के सामने यह दुविधा खड़ी है कि किसको छोड़ें और किसको लें। इसी ऊहा पोह में भाजपा के जिलों की कार्यकारिणी जारी करने में देरी हो रही है। हांलाकि भाजपा के नेताओं का कहना है बड़ी पार्टी है सभी कार्यकर्ताओं के हित और पार्टी के हित को देखते हुए सही फैसले लिए जाएंगे।
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