भाजपा अध्यक्ष के कमजोर पड़ने पर संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को अनुशासन की लेनी पड़ती है क्लाश

भाजपा में अध्यक्ष को संगठनात्मक तौर पर सबसे ताकतवार नेता बनाया गया है। लेकिन जिस प्रकार से पिछले कुछ महीनों से भाजपा में अनुशासन तार-तार हो रहा है उससे प्रदेश अध्यक्ष काफी दबाव में आ चुके हैं। पहले वीडी शर्मा के अध्यक्ष रहते पार्टी में गैर अनुशासनित नेताओं की संख्या बढ़ी जिसकी जुवान में जो आया वही बकते रहे उसके बाद जब प्रदेश अध्यक्ष बदले तब भी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का रवैया नहीं बदला। नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने अध्यक्ष बनते ही अनुशासन पर जोर तो दिया लेकिन उनकी बात को अनसुना सा कर रहे पार्टी के कार्यकर्ताओं पर अब संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा अनुशासन रुपी ताला लगाने का प्रयास कर रहे हैं। हितानंद शर्मा गंभीर व्यक्तित्व के धनी हैं लिहाजा जब जिस प्रकार से पार्टी के नेताओं से बात करते हैं उसके बाद उनकी बात मानने के लिए नेता मजबूर हो जाते हैं। हितानंद शर्मा नेताओं से जब बात करते हैं तो पूरे लॉजिक के साथ पहले उदाहरण देते हैं फिर बातों ही बातों में उन्हे धमकी भी दे देते हैं जो नेताओं के लिए स्लो प्वाइजन की तरह होती है। नेता संगठन महामंत्री की बातों को अपने ईगो से भी नहीं जोड़ते और उनकी बात को भी मान लेते हैं। पिछले कुछ दिनों से भाजपा की जितनी भी तस्वीर आई है उसमें आगे तो प्रदेश अध्यक्ष ही बैठे दिखाई पड़ते हैं लेकिन पर्दे के पीछे संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा जिस प्रकार से नेताओं की क्लाश लेते हैं उससे विधायक और पदाधिकारी अनुशासित व्यवहार करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। Mukhbir को मिली सूचना के मुताबिक मप्र भाजपा प्रदेश भर में गैर अनुशासित नेताओं की लिष्ट तैयार कर रही है। ऐसे नेताओं को प्रदेश कार्यालय में बुला कर एक साथ अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाएगा और फिर उनके आचरण और व्यवहार को वॉच किया जाएगा उसके बाद भी उनके आचरण में बदलाव नहीं आता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
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