बीजेपी प्रदेश कार्याकारिणी के लिए पहले डैमेज कंट्रोल होगा फिर जारी होगी सूची,नवरात्रि में फूटेगा कार्यकारिणी 'बम'

मध्य प्रदेश भाजपा में प्रदेश कार्याकारिणी का काम पूरा कर लिया गया है। अभी जिलों की कार्यकारिणी जारी की जा रही है। सबसे पहले उन जिलों की कार्यकारिणी जारी की जा रही है जिन जिलों में विवाद की स्थिति नहीं है। उसके बाद विवाद वाले जिलों की कार्यकारिणी जारी की जाएंगी। अभी करीब डेढ सौ मंडलों में भी अध्यक्षों की नियुक्तियां होनी हैं। मंडलों की घोषणा इसलिए नहीं की गई है जिससे जिन जिलों में जिला कार्यकारिणी को लेकर विवाद की स्थिति बने तो वहां पर असंतुष्टों को मंडलों में शामिल कर संतुष्ट किया जा सके। दरअसल प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने प्रदेश अध्यक्ष बनते ही प्रदेश कार्यकारिणी के लिए काम करना शुरु कर दिया था। जब उनकी दिल्ली में अमित शाह और जेपी नड्डा से दोबारा मुलाकात हुई तो उसी दौरान उन्होने प्रदेश कार्यकारिणी के लिए अनुमति मांग ली थी। लिहाजा उसके बाद से ही प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर काम तेज हो गया था। इस कार्यकारिणी में मोदी विजन को दिखाने का प्रयास किया जाएगा। परिवारवाद को बिल्किल भी महत्व नहीं दिया जाएगा। सीनियर नेताओं की एक बार फिर वापसी होने जा रही है। कुल मिला कर सीनियर और जूनियर नेताओं की मिली जुली टीम तैयार की जा रही है जिससे अनुभव की कमी भी न दिखे और विवाद के लिए कोई मौका न मिले। दरअसल हेमंत खंडेलवाल डिफेंसिव खेलने वाले अध्यक्षों में शुमार किया जाते हैं लिहाजा उन्होने ऐसी कार्यकारिणी तैयार की है जिससे आगे ज्यादा मेहनत न करनी पड़े। किसी भी विवाद को रोकने के लिए पहले ही पार्टी में डैमेज कंट्रोल किया जा रहा है। यानि जो नेता सीनियर हैं और किसी कारण वस उन्हे कार्यकारिणी में स्थान नहीं दिया जा रहा है तो उनको पहले से ही समझाइस दी जा रही है। प्रदेश कार्यकारिणी से जो बड़े नेता बचेंगे उन्हे निगम-मंडल में शामिल कर पुरस्कृत किया जाएगा।
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