आदिवासी 'हिंदू' नहीं है,नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बयान देकर छेड़ी नई बहस

सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे और किसी भी हद तक जाएंगे। यह सोच है विपक्ष में बैठे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का। दरअसल उमंग सिंघार आदिवासियों के बीच में अपना संबोधन दे रहे थे जिसमें वो आदिवासियों के समाज की वकालत करते-करते ये भूल गए कि वो अपने ही समाज को हिंदू वर्ग से अलग कर रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है जब उमंग सिंघार ने आदिवासियों को हिंदू वर्ग से अलग बताया है इससे पहले भी वो इस बात का उल्लेख करते रहे हैं कि वो हिंदुओं के देवी देवताओं को नहीं मानते क्योंकि आदिवासियों के देवी देवता अलग हैं और वो उन्ही की पूजा करते हैं। उमंग सिंघार अपने संबोधन में माता शबरी का जरुर नाम लेते हैं लेकिन वो समज को हिंदुओं से अलग ही बताते हैं। उमंग सिंघार के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के आदिवासी नेताओं ने उमंग सिंघार को आड़े हाथो लिया है। गजेन्द्र पटेल ने कहा कि आदिवासी वर्ग मूल रुप से हिंदू है। हर वासकीय दस्तावेज में उसकी पहचान हिंदू के रुप में होती है। उमंग सिंघार समाज के बीच जहर घोलने का काम कर रहे हैं जिससे उन्हे राजनीतिक लाभ मिल सके। उनके बाद भाजपा के एक और वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री दुर्गादास उइके ने भी उमंग सिंघार को आड़े हाथों लिया और कहा कि सिंघार खुद आदिवासी विरोधी हैं तभी वो इस प्रकार का बयान दे रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस की तरफ से प्रदेश भर में वोट चोर-गद्दी छोड़ अभियान चलाया जा रहा है जिसमें कांग्रेस के नेता निर्वाचन आयोग और भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं। और कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।
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