'बे-लगाम' होती बीजेपी नेताओं की जुवान पर 'लगाम' कसने की तैयारी में हेमंत खंडेलवाल

भाजपा के नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल इन दिनों दिल्ली के दौरे पर चल रहे हैं। अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार सीएम यादव ने उन्हे दिल्ली का रास्ता दिखाया था उसके बाद उन्होने अगले कुछ दिन के लिए दिल्ली को ही अ-स्थाई आशियाना बना लिया। मतलब साफ है कि लंबी पारी खेलनी है तो दिल्ली में बैठे नेताओं का विश्वास जीतना पड़ेगा और जब वहां से फ्री हैंड मिलेगा तभी एमपी बीजेपी में बड़े बदलाव हो सकते हैं। लिहाजा भाजपा के नव निर्वाचित अध्यक्ष ने दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मेल मिलाप का सिलसिला तेज कर दिया है। माना ये भी जा रहा है कि हेमंत खंडेलवाल एमपी बीजेपी के संगठन में बड़ी सर्जरी करने के मूड में हैं लिहाजा उसके पहले वो केन्द्रीय नेतृत्व का पूरा विश्वास हासिल करना चाहते हैं जिससे आगे चल कर किसी प्रकार का आरोप प्रत्यारोप न लगने पाए। दरअसल खंडेलवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि जिस प्रकार से बीजेपी नेताओं की जुवान बे-लगाम हो रही है उस उसमें लगाम कैसे लगानी है। पचमढ़ी में भाजपा के सांसद और विधायकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ उसके बाद भी नेताओं की जुवान से विवादित बयान निकल रहे हैं। हाल ही में वरिष्ठ नेता राकेश सिंह ने सड़कों के गड्ढे पर विवादिय बयान दिया और सीधी सासंद राजेश मिश्रा ने भी विवादित बयान देकर हेमंत खंडेलवाल की चुनौतियों को बढ़ाया है। लिहाजा अब खंडेलवाल की कोशिश यही है कि वो किसी विवाद में पड़े बगैर 'खंड-खंड' में बंटे नेताओं को कैसे शांत करें और पार्टी की नैया को पार लगाएं। वहीं नए संगठन में शामिल होने के लिए बीजेपी के नेता सुरेश सोनी से लिंक तलाशने में लगे हैं। भाजपा के कई ऐसे नेता हैं जो लिंक तलाश रहे हैं कि सुरेश सोनी से उनकी एक मीटिंग हो जाए अथवा किसी प्रकार की सिफारिस लग जाए जिससे वो नई कार्यकारिणी में अपना स्थान बना पाएं। कुछ नेता नागपुर से रास्ता तलाश रहे हैं कुछ नेता अन्य शहरों में जाकर लिंक तलाश रहे हैं कि सुरेश सोनी से किसी प्रकार की उनकी जुगाड़ लग जाए।
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