भाजपा में 'गैर अनुशासित' नेताओं पर 'हितानंद शर्मा और हेमंत खंडेलवाल का करारा प्रहार' केपी तृपाठी ने मांगी मांफी

मप्र भाजपा का बदलाव अब धरातल में दिखाई पड़ने लगा है। जिन नेताओं के आचरण की शिकायत प्रदेश नेतृत्व तक पहुंच रही है उन नेताओं को तत्काल प्रभाव से भोपाल तलब करके उन्हे समझाइश देने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में रीवा के सेमरिया से पूर्व विधायक केपी तृपाठी के अनुशासन तोड़ने की जानकारी प्रदेश नेतृत्व को मिली थी। केपी तृपाठी ने CSP रितु उपाध्याय को ‘असंवेदनशील औरत’ कहते हुए उनका अपमान किया था। जब केपी तृपाठी ने इस प्रकार का व्यवहार किया था तब उनके साथ पार्टी के कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे। मामले की जानकारी मिलते ही प्रदेश नेतृत्व ने उन्हे तलब किया जिसमें प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और हेमंत खंडेलवाल ने बंद कमरे में केपी तृपाठी के साथ बैठक करते हुए उन्हे सख्त लहजे में हिदायत दी कि अगर आपको पार्टी में रहना है तो अनुशासन में रहना होगा। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की फटकार मिलने के बाद पूर्व विधायक ने न सिर्फ उनसे मांगी बल्कि सार्वजनिक मांफीनामा का एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होने खुद की गलती को स्वीकार किया है। केपी त्रिपाठी ने कहा कि समाज से मै क्षमा चाहता हूं भविष्य में गलती नहीं दोहराऊंगा। गौरतलब है कि केपी तृपाठी डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला के काफी करीबी नेता माने जाते हैं यही कारण है कि वो बीच-बीच में अनुशासन की सीमा रेखा पार कर जाते हैं। नया अध्यक्ष मिलने के बाद प्रदेश संगठन महामंत्री प्रदेश अध्यक्ष के साथ पार्टी में कसावट लाने में जुट गए हैं और लगातार अनुशासन पर फोकस कर रहे हैं। यह पहला केस नहीं है गससे पहले दतिया जिले के भी एक विधायक को बुला कर समझाइस दी गई थी तो वहीं इंदौर के भी एक विधायक को अनुशासन का पाठ पढ़ाया जा चुका है।
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