कांग्रेस प्रवक्ताओं की हालत ‘ढूढैं भैंस बताएं घोड़ी’ जैसी हो चुकी है,मुद्दा कुछ और जवाब कुछ और ही मिलेगा

कांग्रेस की लाख कोशिश और प्रयासों के बाद भी प्रवक्ता नहीं सुधरे हैं। उनसे जो सवाल किया जाता है वो ठीक उसके विपरीत जवाब देते हैं। उनसे कहो कि ये मुद्दा नहीं तो वो बड़ी सरलता से कहते हैं कि आप चला नहीं पाओगे इस लिए इस प्रकार की बाइट ले रहे हो। हकीकत तो यह है कि कांग्रेस के प्रवक्ता होमवर्ग नहीं करते हैं। जिस प्रकार की भाषा शैली होनी जिस प्रकार से मुद्दे पर बात होनी चाहिए ठीक उसके विपरीत ही बात करते हैं। पता नहीं कौन ही बात का उनमें अभिमान रहता है कि प्रेम से बताने का प्रयास करो तो उसके विपरीत वो मन में ही विचार बना लेते हैं। कुछ ऐसा ही वाकया एक प्रवक्ता महोदय के साथ गटा जब उनसे भाजपा की कार्यकारिणी को लेकर सवाल किया गया। जिसका विषय था एक व्यक्ति एक पद। कांग्रेस के प्रवक्ता महोदय से इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हे उस दिन का इंतजार है कि जब मोदी जी 75 साल पूरे कर लेंगे तो भाजपा क्या अपनी बात पूरी करेगी। इसके बाद जब उनको समझाने का प्रयास किया गया तो उन्होने फिर जवाब दिया जो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता क्योंकि दूसरी बार भी उन्होने जो जवाब दिया वो किसी भी प्रकार से एक व्यक्ति एक पद के सवाल पर फिट नहीं बैठ रहा था। इस पूरे बाकये का अर्थ यह है कि साल 2028 की तैयारी कांग्रेस कर रही है। पार्टी की आवाज बुलंद करने का काम प्रवक्ताओं को होता है और वो बात मोदी की करते हैं। विंध्य में एक कहावत मशहूर है ‘ढूढैं भैंस बतावै घोड़ी’ कांग्रेस के प्रवक्ताओं पर यह कहावत चरितार्थ होती है।
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