जो बनने वाली थीं बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष उन पर लगे एक हजार करोड़ के ‘रिश्वत’ खोरी के आरोप,आदिवासी के बजाय सामान्य को मिली प्राथमिकता

Jul 2, 2025 - 08:57
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जो बनने वाली थीं बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष उन पर लगे एक हजार करोड़ के ‘रिश्वत’ खोरी के आरोप,आदिवासी के बजाय सामान्य को मिली प्राथमिकता

मध्य प्रदेश की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) मंत्री संपतिया उइके पर जल जीवन मिशन के तहत 1000 करोड़ रुपये की कमीशनखोरी के गंभीर आरोपों ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। यह आरोप उस वक्त लगे जब मध्य प्रदेश में पार्टी के लिए नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए निर्वाचन होना था। पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा 12 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकायत भेजी गई थी। अब सवाल इस बात का उठता है कि 12 अप्रैल की शिकायत पर अचानक एक जुलाई को ही यह मामला क्यों उठा। गौरतलब है कि संपतिया उइके भाजपा की एक वरिष्ठ नेत्री हैं और वो प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों में सबसे आगे चल रही थीं। ऐन मौके पर उनके नाम पर एक हजार करोड़ रुपये की रिश्वत का आरोप लगा कर अध्यक्ष पद की दौड़ से उन्हे एक झटके में बाहर कर दिया गया है। हद तो तब हो गई जब मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई, जहां डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता (ENC) संजय अंधवान के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की चेतावनी दी, जिन्होंने अपनी ही मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। इस बीच, मंत्री संपतिया उइके ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा, "मैं बिल्कुल सही हूं, सांच को आंच नहीं। जिस तरह से जांच हो, मुझे कोई दिक्कत नहीं।" गौरतलब है कि पूर्व विधायक किशोर समरीते ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश को दिए गए 30,000 करोड़ रुपये में से 1000 करोड़ रुपये की कमीशनखोरी की गई। इसमें मुख्य रूप से पीएचई मंत्री संपतिया उइके पर आरोप लगाए गए, साथ ही तत्कालीन प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। फिलहाल इस पूरे मामले में प्रदेश में सियासत गर्म है। जिस प्रकार से नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए स्क्रिप्ट लिखी गई वो संदेह के दायरे में है। इस बात के पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार भाजपा आदिवासी वर्ग से अध्यक्ष बनाएगी लेकिन एक बड़ा आरोप लगा कर संपतिया उइके को इस पूरी दावेदारी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि पार्टी संपतिया उइके पर क्या कार्रवाई करती है। क्योंकि इससे पहले आदिवासी नेता विजय शाह ने विवादित बयान दिया था जिस पर पार्टी ने कोई ऐक्शन नहीं लिया।

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